My Humming Word

Awakening

  1. Poem
हाँ, अब सचमुच ही इच्छा रहितमायावी लालसाओं और तृष्णा शून्यभौतिक जीवन के बच रहे शेष दिनमैं न तो कभी गिनता हूँ न ही सोचता हूँ। इस लम्बी, जटिल जीवन यात्रा में बहुत जल्दी हुआ था यह अहसास कितनी भी चतुराई और सावधानी बरतूंकितना भी यथार्थवादी और परिशुद्घ हो लूंप्रारब्ध या नियति की खुद की अपनी रचनाहमसे रही […]
  1. Poem
सुनो हमारे प्यारे प्यारे दास जी,अब कुछ नहीं बाकी खास जी,लिखने को हमारे अब है पास जी,सब शब्द हो गए इकदम खलास जी. किसी से कुछ नहीं बची है आस जी,नीचे है धरती ऊपर आकाश जी,अब आप फेंको कुछ प्रकाश जी, आभार हैं हमको अहसास जी. शब्द बिना कैसे हो बकवास भी,जमाना ने खोए होश हवास […]
  1. Poem
Editor’s Choice हाँ अब वह जीवन-मुक्त हैजीवन में ठुकराए गए का कोई अवसाद नहींउन असफलताओं पर अब कोई पश्चाताप नहींजीवन की खास सफलताओं या उपलब्धियों परभी कोई अभिमान, आनन्द अथवा उल्लास नहीं हाँ अब वह जीवन-मुक्त हैसांसारिक उपलब्धियों अथवा प्राप्ति हेतुअब वह कोई इच्छा या सपना नहीं पालतान तो है उसे भीड़ में अलग पहचान […]
  1. Poem
Editor’s Choice ये कैसी अंधेरी रात थी असह्य लंबे पहरों की नशीली सी,गहन बेसुध सा किया थाजिसके मोहतन्त्र ने. उनींदी की ऐसी जिंदगी के सफर में हम आशा-निराशा के अटूट क्रम मेंसहते रहे टूटते-जुडते भ्रम में निरंतर पीछा करते हुए से अर्धस्वप्न में  सुख-चैन, शांति समृद्धि सौहार्द की मरीचिका का. समय बेशकीमती निकलता गया अपनी रफ्तार में  और हम कहीं दूर भटक गए […]
  1. Poem
Editor’s Choice Verily desire-lessHaving no more cravingsFor the temporal possessionsAnd sensual enjoymentNow I seldom countMy left-over days of lifeIf the span is less or more. During my journeyRealization came rather earlyHowever meticulously I aimWith whatever precision I conductDestiny always has it’s designAnd own plan one step aheadSometimes for the betterAnd at times even worse…So I […]

Good Reads

A bit tiny yet marvellousShimmering white paniclesOf the Rajnigandha blooms…Their candidly sweet fragranceReminds few golden momentsThen my heart over againTurns distraught and restlessYearning those bygone days… During a span of timeLife was so fragrant withThe divine Rajnigandha touchSome sweet Rajnigandha feelingsAnd adorable Rajnigandha momentsInstead more apt to say…Rajnigandha memories and dreams. Like the fireflies glow […]
घर के बाहर लान कीहरी-भरी मखमली घास परचमकीली गुनगुनी धूप मेंपसंदीदा आरामकुर्सी परदोनों आँखें बंद, चंचल मनकिसी की मधुर यादों में खोयावह चिंतन में तल्लीन है… शिशिर ऋतु के मौसम मेंसाल के इस सबसे ठंडे दिनजीवन के इस पड़ाव परकाश इस नर्म गुनगुनी धूप सेइतर ये दिन और ज्यादासुखद, सेहतमंद एवं सुंदरललित और मनभावन होते..! […]
तुम्हारी सूरत और सीरत की कशिश थी,या फिर मेरी चाहत की शिद्दत का कमाल.एक व्यग्र हृदय एवं मन की उलझनों केचक्रव्यूह में उलझा मानों एक मकड़जाल. चाहे जितना तुमको भुलाने की कोशिश की,तुम हमेशा ही मुझको उतना ही याद आए.तुम्हारी यादों की परछाई संग चलते-चलते,देखो न आज हम कितनी दूर निकल आए. एक बेहद लम्बा […]

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A bit tiny yet marvellousShimmering white paniclesOf the Rajnigandha blooms…Their candidly sweet fragranceReminds few golden momentsThen my heart over againTurns distraught and restlessYearning those bygone days… During a span of timeLife was so fragrant withThe divine Rajnigandha touchSome sweet Rajnigandha feelingsAnd adorable Rajnigandha momentsInstead more apt to say…Rajnigandha memories and dreams. Like the fireflies glow […]
घर के बाहर लान कीहरी-भरी मखमली घास परचमकीली गुनगुनी धूप मेंपसंदीदा आरामकुर्सी परदोनों आँखें बंद, चंचल मनकिसी की मधुर यादों में खोयावह चिंतन में तल्लीन है… शिशिर ऋतु के मौसम मेंसाल के इस सबसे ठंडे दिनजीवन के इस पड़ाव परकाश इस नर्म गुनगुनी धूप सेइतर ये दिन और ज्यादासुखद, सेहतमंद एवं सुंदरललित और मनभावन होते..! […]

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लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]

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