My Humming Word

Poem

  1. Poem
अपने से जो लोग है वो तो करते नहीं कभी कोई बात मुलाकात।दिन में कोई देख न ले, रात आती है लोगों को सुलाने के बाद।। धीरे धीरे चुपके चुपके आती है पास, तन्हा अकेले में रात।चांद रखता है पहरा उसके, आती है उसके ढलने उपरान्त।। राज दुलारी है पर दासियों को भी, लाती न […]
  1. Poem
Editor’s Choice Everything that is scaledAs highest or lowestThat comes, construedAnd accepted as such in lifeBecomes nothing in the end. Conclusion!Yes, a solace at-home.Contours ascendedOr descended in the journeyWere inevitably in processOf extracting the best… They are to becomethe marks you left!Sounds spirituality!Yes – no, waste!Arrive “within” to reach rest.  3,482 total views,  2 views today
  1. Poem
चिर काल तक आप सबको पेश है मेरी हर शुभ प्रभात,बाइस जनवरी को भारत में, घटी बड़ी ऐतिहासिक बात।भावना मेरी परम सुखी हों सबके कुटुंब तात और मात,सीता जैसी भार्या हों आपकी, हों लक्षमण जैसे भ्रात।राम होकर भी राम को ढूंढते, क्यों हम दिन और रात,काम सा नहीं राम जग में, काम में बसती है […]
  1. Poem
यह ना पूछो हमसे इस दुनिया मेंहमने क्या-क्या होते हुए देखा है! दोस्त अचानक दुश्मन बन जाते हैंऔर दुश्मन, दोस्त दिखने लगते हैंफिर दुश्मन के दुश्मन मिलकरदोस्ती का स्वांग करते नजर आते हैं। रिश्ते जब स्वार्थ पर आधारित होंइन आँखों पर पट्टी चढ़ जाती हैजीवन भर के संबंध, सच्चे हितैषी हानिकारक प्रतिद्वंदी नजर आते हैं। फीके, […]
  1. Poem
न जाने क्यों कुछ लोग बात-बात पर दोस्त कहकरफिर दोस्ती की दुहाई देकरदोस्ती जैसे पवित्र बंधन कोबेशर्मी से शर्मसार करते हैंजाने क्यों कुछ  लोग..! इनके जीवन का सत्य तो हैकि खुद के संसारी जीवन मेंचाहिए इन्हें बस कुछ चाटुकारजो उनके आडम्बर पूर्ण जीवन उनके ओछे मन एवं अहं काकेवल पोषण मात्र करते रहें। सच में यही हैं […]

Good Reads

सुख-चैन की परवाह किये बिनाएक लम्बा जीवन खपा दिया मैनेंकुछ रिश्तों को निबाहते रहने मेंबनाए रखकर, सजाने-संवारने में. कभी-कभी तो मुझे ऐसा भी लगा हैमानों एक लम्बी और काली सुरंग हैबिना रुके अनवरत दौड़ता रहा हूँ मैंजीवन की इस अंधी व निर्मम दौड़ में. किंतु आज जब मुड़कर देखता हूँतो मात्र एक अहसास भर होता […]
After overthrowing the democratically elected Sheikh Hasina Government of the Awami League on 5 August 2024 by forcing her to resign and take shelter in the neighbouring India, the Bangladesh is once again undergone a critical phase of turmoil and anarchy caused by the radical Islamists and students ideologically close to the Bangladesh National Party […]
Fascinating roses of fragrance and huesRed, yellow, orange, green, and whiteScarlet, crimson, vermilion, and purplePeach, lavender, ivory, salmon, and blueAre found everywhere; attract and distractAs viewers’ envy and connoisseur’s muse. But, the Halfeti in south-eastern Turkey isOnly site where black roses naturally growNick-named “Karagul” in Turkish languageHave sweet aroma and color dark red-wineThat turns to […]

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सुख-चैन की परवाह किये बिनाएक लम्बा जीवन खपा दिया मैनेंकुछ रिश्तों को निबाहते रहने मेंबनाए रखकर, सजाने-संवारने में. कभी-कभी तो मुझे ऐसा भी लगा हैमानों एक लम्बी और काली सुरंग हैबिना रुके अनवरत दौड़ता रहा हूँ मैंजीवन की इस अंधी व निर्मम दौड़ में. किंतु आज जब मुड़कर देखता हूँतो मात्र एक अहसास भर होता […]
After overthrowing the democratically elected Sheikh Hasina Government of the Awami League on 5 August 2024 by forcing her to resign and take shelter in the neighbouring India, the Bangladesh is once again undergone a critical phase of turmoil and anarchy caused by the radical Islamists and students ideologically close to the Bangladesh National Party […]

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सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

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