My Humming Word

Life

  1. Poem
यह ना पूछो हमसे इस दुनिया मेंहमने क्या-क्या होते हुए देखा है! दोस्त अचानक दुश्मन बन जाते हैंऔर दुश्मन, दोस्त दिखने लगते हैंफिर दुश्मन के दुश्मन मिलकरदोस्ती का स्वांग करते नजर आते हैं। रिश्ते जब स्वार्थ पर आधारित होंइन आँखों पर पट्टी चढ़ जाती हैजीवन भर के संबंध, सच्चे हितैषी हानिकारक प्रतिद्वंदी नजर आते हैं। फीके, […]
  1. Poem
संपादक की पसंद तितली रानी, तितली रानीकरती फिरती हो मनमानीफूल-फूल मंडराती फिरतीपीछे अपनी छोड़ निशानी। खुद के रंगों और चंचलता सेतुम सबका मन हर लेती होऔर अपने छोटे से जीवन सेजीने की कला सिखलाती हो। लेकिन आज उदास इस तरहवीराने में आकर क्यों बैठी होक्या तुम हो बीमार या फिररूठ किसी से, यूँ ही ऐंठी […]
  1. Poem
संपादक की पसंद उसने मुझसे कहा दूसरों के लिए जीना अबबहुत हुआ, बहुत हो लियाअब वह केवल खुद के लिएखुद की खुशियों के लिए जीना चाहता है…! फिर शेष जीवनवह इस जुनून के साथ, खुशी की चाहत लिएखुशी की तलाश मेंएक अंधी दौड़ में शामिलएक लम्बी-अंधी सुरंग मेंजिसका न आदि है न अंतचलता रहा, दौड़ता रहा है…दौड़ आज भी […]

Good Reads

घर के बाहर लान कीहरी-भरी मखमली घास परचमकीली गुनगुनी धूप मेंपसंदीदा आरामकुर्सी परदोनों आँखें बंद, चंचल मनकिसी की मधुर यादों में खोयावह चिंतन में तल्लीन है… शिशिर ऋतु के मौसम मेंसाल के इस सबसे ठंडे दिनजीवन के इस पड़ाव परकाश इस नर्म गुनगुनी धूप सेइतर ये दिन और ज्यादासुखद, सेहतमंद एवं सुंदरललित और मनभावन होते..! […]
तुम्हारी सूरत और सीरत की कशिश थी,या फिर मेरी चाहत की शिद्दत का कमाल.एक व्यग्र हृदय एवं मन की उलझनों केचक्रव्यूह में उलझा मानों एक मकड़जाल. चाहे जितना तुमको भुलाने की कोशिश की,तुम हमेशा ही मुझको उतना ही याद आए.तुम्हारी यादों की परछाई संग चलते-चलते,देखो न आज हम कितनी दूर निकल आए. एक बेहद लम्बा […]
During the last fifteen years or so, the level and quality of the Parliamentary debates in India have constantly deteriorated and every other day new paradigms of the noisy scenes and unruly conduct by members are established, particularly by those belonging to the oldest political party of India. The second stint of the Congress led […]

Worlwide

घर के बाहर लान कीहरी-भरी मखमली घास परचमकीली गुनगुनी धूप मेंपसंदीदा आरामकुर्सी परदोनों आँखें बंद, चंचल मनकिसी की मधुर यादों में खोयावह चिंतन में तल्लीन है… शिशिर ऋतु के मौसम मेंसाल के इस सबसे ठंडे दिनजीवन के इस पड़ाव परकाश इस नर्म गुनगुनी धूप सेइतर ये दिन और ज्यादासुखद, सेहतमंद एवं सुंदरललित और मनभावन होते..! […]

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Pilgrimage-I Nearly all communities and religions in the world attach significance to places which have some connection with any worldly or supernatural act(s) or event(s) of the divine (God) or His messenger(s); the birth, enlightenment or death of founder and saints; sites of the spiritual calling or awakening; supposedly a dwelling or living place of […]
सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

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