My Humming Word

Poem

  1. Poem
लंबे अर्से से मैं था कुछ ठहर गया।मां की नाद सुन कर मैं लहर गया।। वो जहन में है भले ही पहर गया।प्रेम अमृत से जैसे भर बहर गया।। मां कृपा से मेरा सुधर दहर गया।प्रेम जल से बुझ अग्नि कहर गया।। क्या हुआ अगर बीता सहर गया।वो घर में सदा उतर ईद शहर गया।। […]
  1. Poem
बार बार इसके जिक्र से नाराज़ होती है खुद फ़ज़ा ।जो हो जाए चुपके चुपके उसके जैसा कहां मज़ा।। राम नाम का मचाया शोर, सांसों को कभी न भजा।पाखंडी के वो पल्ले पड़ी, राम रट पूरा कर रही जजा।। ज्यादा बकती जीभ को, घिसने की हैं मिली सज़ा।देख मन यही कहता, तूं कर कुछ पर […]
  1. Poem
यह है मेरे दुःख की बड़ी गाथा, सुनोगे तो रो लोगे पकड़ माथा।किस्मत में जो लिख दिया विधाता, टाल न सके कोई पिता माता।। रहने दो ढके मेरे जिगर के दाग, मत छेड़ो मैं हूं भाषा हिंदी।कभी थी मैं भी सुहागिन हिंद में, शोभायमान थी भाल पर बिंदी।। जब से फिरंगी भाषा हिंद आई, मेरी […]

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