My Humming Word

Month: July 2025

  1. Poem
Humanity means simply being humanThe characteristic that encompassesThe attributes defining a person withKindness, empathy, love and compassion. Undoubtedly, these are unique attributesThat so distinctly define the human raceFrom all remaining species on this planetAltruistic ethics combines with these virtues. It’s a virtue for a man to be just and kindIf from that perspective arises a […]
  1. Blog
जब विचार मरते हैं, तब समाज केवल शरीरों का समूह रह जाता है – संवेदनहीन, दिशाहीन व विनाश की ओर अग्रसर। आज का समाज निःसंदेह तकनीकी प्रगति तथा भौतिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर है, किंतु भीतर ही भीतर वह एक अदृश्य संकट से गुजर रहा है। यह संकट कोई महामारी नहीं, कोई युद्ध नहीं, […]

Good Reads

Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]
Editor’s Pick Resounding echoes of the absenceMuffled whispers of the memoriesLifeless beats of the hollowed heartAre aide-memoire of one’s dire loss Throbbing agony of an aching soulMelancholy of an ever longing heartPining sensation of a nostalgic waitLive eternal legacy of one’s yearning An intense and timeless aching voidAn unbearable, gnawing emptinessA lonesome heart’s imposing strainMirror […]

Worlwide

Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]

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