My Humming Word

Month: July 2024

  1. Poem
चारों और दिखे मोटा मोटा, घणा मचियोड़ा खखींद ढागा।हाथ हाथ रा गुला काढ़, राजनीति रा फेफूंड फैंकण लागा।। कोई रे भोडका माते लाल साफा, कोई रळकाया पाग लाखा।पैंट पजामा आतरिया फैंक, नीचे धौळी धोती पर जब्बा बागा।। सुबह पहली कांव कांव कर, हंसा की चाल चलण लागा कागा।फूटा किस्मत अणूता समाज रा, ढागियों रा तो […]
  1. Blog
मानवीय रिश्ते चाहे वह आनुवंशिक हों अथवा मित्रता के बहुत संवेदनशील होते हैं जिन्हें अच्छा और मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार सकारात्मक सोच एवं पहल के साथ-साथ परस्पर विश्वास की आवश्यकता बनी रहती है। इसके ठीक विपरीत जो लोग निजी स्वार्थ और आत्मकेन्द्रित रहकर रिश्ते निभाने का प्रयास करते हैं उन्हें अक्सर असफलता एवं […]
  1. Poem
उठो मित्र अब मोबाइल उठा लो,फिर थोड़ा तुम आनन्दित हो लो। बीत गई रात, अब यह नई सुबह है,पर हमको इस सबसे क्या लेना-देना। झट फेसबुक और व्हाट्सऐप खोलो,व जीवन का यह चरम सुख ले लो। ढेरों तो अग्रसारित संदेश हैं लम्बित,रोचक मीम्स और चलचित्र जमा हैं। भूल जाओ कि चिड़ियाँ चहकीं, अथवाफिर कमल खिले, […]

Good Reads

दरिया बीच एक दिन, सहसा उठा चक्रवात।जो थे मझधार मौजों पे, उन्हें न लगा आघात।।जो खड़े साहिल पे थे, डूबे मस्ती में दिन रात।पल में प्रलय होने लगा, डूबने लगे हाथो हाथ।। जो चल रहे थे वो बच गए, कुशल रास्ता खोकर।जो खड़े थे वो फना हो गए, खड़े ही खाकर ठोकर ।।जो मझधार में […]
Over a month-long turmoil in Bangladesh allegedly led by the students on the issue of reservation in jobs for certain categories reached to an anticlimax when Prime Minister Sheikh Hasina was made to resign and leave country on a short notice. While television visuals showed large crowds on the roads in Bangladesh capital Dhaka and […]

Worlwide

दरिया बीच एक दिन, सहसा उठा चक्रवात।जो थे मझधार मौजों पे, उन्हें न लगा आघात।।जो खड़े साहिल पे थे, डूबे मस्ती में दिन रात।पल में प्रलय होने लगा, डूबने लगे हाथो हाथ।। जो चल रहे थे वो बच गए, कुशल रास्ता खोकर।जो खड़े थे वो फना हो गए, खड़े ही खाकर ठोकर ।।जो मझधार में […]

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