My Humming Word

संपादक की पसंद

तितली रानी, तितली रानी
करती फिरती हो मनमानी
फूल-फूल मंडराती फिरती
पीछे अपनी छोड़ निशानी।

खुद के रंगों और चंचलता से
तुम सबका मन हर लेती हो
और अपने छोटे से जीवन से
जीने की कला सिखलाती हो।

लेकिन आज उदास इस तरह
वीराने में आकर क्यों बैठी हो
क्या तुम हो बीमार या फिर
रूठ किसी से, यूँ ही ऐंठी हो?

Image (c) Jaipal Singh

 9,139 total views,  33 views today

Do you like Dr. Jaipal Singh's articles? Follow on social!
Comments to: तितली

Login

You cannot copy content of this page