संपादक की पसंद

तितली रानी, तितली रानी
करती फिरती हो मनमानी
फूल-फूल मंडराती फिरती
पीछे अपनी छोड़ निशानी।
खुद के रंगों और चंचलता से
तुम सबका मन हर लेती हो
और अपने छोटे से जीवन से
जीने की कला सिखलाती हो।
लेकिन आज उदास इस तरह
वीराने में आकर क्यों बैठी हो
क्या तुम हो बीमार या फिर
रूठ किसी से, यूँ ही ऐंठी हो?
Image (c) Jaipal Singh
19,039 total views, 56 views today
No Comments
Leave a comment Cancel