My Humming Word

Longing

  1. Poem
श्वेत धवल ललित-ललामपुष्पगुच्छ रजनीगंधा के उनकी भीनी-भीनी विशिष्ट सुगंध बरबस किसी की याद दिला जाते हैं और तब यह मन फिर एक बारबिह्वल और बेचैन हो उठता है… वैसे तो एक जमाना हुआवह कोमल रजनीगंधा स्पर्श वह स्निग्ध रजनीगंधा अहसास अनगिनत रजनीगंधा यादें और सपनेयादों के जुगनू बन मानस पटल परझिलमिल करते छाने लगते हैं। वह मेरे साथ नहीं […]
  1. Poem
Editor’s Choice शिशिर ॠतु की आबोहवा, एक और ठंडी भिनसारगुनगुनी एवं आभामयी रविप्रभा का चहुंओर विस्तारसरसब्ज लाॅन में पसंदीदा आरामकुर्सी में सिमटकरउसके दिवास्वप्नों में खोया हुआ, खुद से बेखबर मैंविगत वर्षों के गुजरे पल, व तमाम खट्टी-मीठी यादें कभी हर्षोल्लास, तो कभी व्यग्रता व विषाद के पल स्वप्निल जीवनी, मानो उसी से शुरू उसी पर खतम। आँखे […]
  1. Poem
Editor’s Choice एक और खूबसूरत शाम ढलने को हैसूरज छितिज़ से नीचे कब का जा चुका हैझिलमिल करते तारे आकाश में आच्छादित हैंपर हृदय में तुम्हारी वापसी की आशा संजोयेतुम्हारी मात्र एक झलक की चाहत लिए मन अशांत और व्याकुल है. शरद ऋतु के आगाज के साथ-साथ अब मौसम भी करवट बदलने लगा हैहवा में ठंडक […]
  1. Poem
On those cold wintry morningsWhile cuddled in my comfy reclinerUnder the bright and warm sunshineBeguiled and lost in your pious reverieNostalgia of shared yesteryears’ memoriesOften sweeps over my thoughts and senses. The eyes shut yet mind goes meanderingYour awesome persona with twinkling eyesYour fairy charm with elegant angelic auraOur one last rendezvous, short yet affableThen […]
  1. Poem
Editor’s Choice Those days ofRomantic grandeurFun and laughterFolly and frenzyHope and despairAnd midst of all thisEver growing affectionAmity and sublime loveIn two teenage hearts… Where have goneall mesmerizing days?It has been a lifespanDecades have passedBut he still pines for herIn a frail and fragile heartThe sweet and sour talksMemories and momentsWith what all was lost. […]

Good Reads

सुख-चैन की परवाह किये बिनाएक लम्बा जीवन खपा दिया मैनेंकुछ रिश्तों को निबाहते रहने मेंबनाए रखकर, सजाने-संवारने में. कभी-कभी तो मुझे ऐसा भी लगा हैमानों एक लम्बी और काली सुरंग हैबिना रुके अनवरत दौड़ता रहा हूँ मैंजीवन की इस अंधी व निर्मम दौड़ में. किंतु आज जब मुड़कर देखता हूँतो मात्र एक अहसास भर होता […]
After overthrowing the democratically elected Sheikh Hasina Government of the Awami League on 5 August 2024 by forcing her to resign and take shelter in the neighbouring India, the Bangladesh is once again undergone a critical phase of turmoil and anarchy caused by the radical Islamists and students ideologically close to the Bangladesh National Party […]
Fascinating roses of fragrance and huesRed, yellow, orange, green, and whiteScarlet, crimson, vermilion, and purplePeach, lavender, ivory, salmon, and blueAre found everywhere; attract and distractAs viewers’ envy and connoisseur’s muse. But, the Halfeti in south-eastern Turkey isOnly site where black roses naturally growNick-named “Karagul” in Turkish languageHave sweet aroma and color dark red-wineThat turns to […]

Worlwide

सुख-चैन की परवाह किये बिनाएक लम्बा जीवन खपा दिया मैनेंकुछ रिश्तों को निबाहते रहने मेंबनाए रखकर, सजाने-संवारने में. कभी-कभी तो मुझे ऐसा भी लगा हैमानों एक लम्बी और काली सुरंग हैबिना रुके अनवरत दौड़ता रहा हूँ मैंजीवन की इस अंधी व निर्मम दौड़ में. किंतु आज जब मुड़कर देखता हूँतो मात्र एक अहसास भर होता […]
After overthrowing the democratically elected Sheikh Hasina Government of the Awami League on 5 August 2024 by forcing her to resign and take shelter in the neighbouring India, the Bangladesh is once again undergone a critical phase of turmoil and anarchy caused by the radical Islamists and students ideologically close to the Bangladesh National Party […]

Trending

Pilgrimage-I Nearly all communities and religions in the world attach significance to places which have some connection with any worldly or supernatural act(s) or event(s) of the divine (God) or His messenger(s); the birth, enlightenment or death of founder and saints; sites of the spiritual calling or awakening; supposedly a dwelling or living place of […]
सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

Login

You cannot copy content of this page