My Humming Word

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  1. Poem
Duo, the Invisible and nature indeedOn the evolutionary ladder in cosmosSet human beings to stand on pinnacleWith erect posture and advanced brain. In turn, the human beings destroy lifePollute damaging earth, oceans & skiesLeading to serious climatic imbalancesYet have audacity to call themselves asSuperior beings! Note: “Invisible” refers to Supreme divine force behind all creation, […]
  1. Poem
एक अति प्रतिक्रियावादी रहता हैप्राय: भ्रमित, क्षुभित और क्रोधित अपने परिवेश में अपने प्रतिवेश में…उसकी नकारात्मकता, और फिर फलस्वरूप अत्यधिक आक्रामकताबदल देती है उसे एक विवेकशून्यस्वार्थी, घमंडी और परपीड़क इंसान रूपी ढोर में। फिर समय के साथ यह इंसानखो देता है खुद की पहचान –गरिमा, साख, विश्वसनीयताऔर स्वीकार्यता, या फिर यूँ कहें –प्रेम एवं सानिध्य अपने समाज मेंरह […]
  1. Poem
अपने संस्कारों व अर्जित ज्ञान के बल पर,देश व समाज में खुद का स्थान ही नहीं,अपितु उसने जीवन में कौशल भी सीखा;अपने प्रियजनों, रिश्तों और संबंधों को,जीवन भर के लिए, एक ईमानदारी सेसंभालना, सहेजना और पोषित करना।  परन्तु वह आजतक नहीं समझ पाया,उनको, जो एक गिरगिट की तरह अक्सर,खुद की सुविधा और माहौल के अनुसार,जल्दी-जल्दी […]
  1. Poem
बार बार इसके जिक्र से नाराज़ होती है खुद फ़ज़ा ।जो हो जाए चुपके चुपके उसके जैसा कहां मज़ा।। राम नाम का मचाया शोर, सांसों को कभी न भजा।पाखंडी के वो पल्ले पड़ी, राम रट पूरा कर रही जजा।। ज्यादा बकती जीभ को, घिसने की हैं मिली सज़ा।देख मन यही कहता, तूं कर कुछ पर […]
  1. Poem
A prominent yet frustrated memberOf the oldest political party in IndiaThat also incidentally carries the legacyOf playing crucial act in freedom struggleSets a new paradigm so scaling new lowsin dirty politics… When he so vehemently as also brazenlyDeclared arrogantly from the public forumCalling the Indian electorate as Rakshasas… You are all Rakshasas (demons); those whovote […]

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दरिया बीच एक दिन, सहसा उठा चक्रवात।जो थे मझधार मौजों पे, उन्हें न लगा आघात।।जो खड़े साहिल पे थे, डूबे मस्ती में दिन रात।पल में प्रलय होने लगा, डूबने लगे हाथो हाथ।। जो चल रहे थे वो बच गए, कुशल रास्ता खोकर।जो खड़े थे वो फना हो गए, खड़े ही खाकर ठोकर ।।जो मझधार में […]
Over a month-long turmoil in Bangladesh allegedly led by the students on the issue of reservation in jobs for certain categories reached to an anticlimax when Prime Minister Sheikh Hasina was made to resign and leave country on a short notice. While television visuals showed large crowds on the roads in Bangladesh capital Dhaka and […]

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दरिया बीच एक दिन, सहसा उठा चक्रवात।जो थे मझधार मौजों पे, उन्हें न लगा आघात।।जो खड़े साहिल पे थे, डूबे मस्ती में दिन रात।पल में प्रलय होने लगा, डूबने लगे हाथो हाथ।। जो चल रहे थे वो बच गए, कुशल रास्ता खोकर।जो खड़े थे वो फना हो गए, खड़े ही खाकर ठोकर ।।जो मझधार में […]

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सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

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