My Humming Word

Poem

  1. Poem
समय और हालात, इंसान कोक्या से क्या बना देते हैंऔर कहाँ से कहाँ पहुँचा देते हैं! किसी का घोर पतन होता हैफिर वह इंसान से इंसानियत केनिम्नतम स्तर तक पहुँच सकता है… तो किसी को यही कारकऊर्ध्वगामी दिशा दे जाते हैं,जीवन में शिखर तक ले जाते हैं। एक स्वार्थ और प्रतिशोध वशराक्षसी प्रवृत्ति का शिकार […]
  1. Poem
बाग में हजारों गुलाब खिले दिखाई देते हैंसफ़ेद, स्कारलेट, क्रिमसन और वर्मिलियनदेखने और गुजरने वालों की आँखों कोमानों सब कैंडीफ्लॉस ऑफर करते हैं। और फिर उसी बाग के एक कोने मेंएक अकेला पीला गुलाब भी खिलता हैअपनी बेहतरीन खुशबू बिखेरता हुआजैसे अनंत दोस्ती, प्यार और परवाह की। लाल गुलाब आकर्षित करते हैं भटकाते हैंदर्शकों की […]
  1. Poem
Editor’s Pick जीवन की सबसे दुखद घटना थीअपने प्यार और दोस्ती को खो देनालेकिन जैसे जैसे समय बीतता गयाप्यार एक अमूर्त बनकर रह गयामैंने दोस्ती को भी फीका पड़ते देखाअब मैने अपने अंदर ही एक दोस्त पायामेरा अपना एकांत! सच है, मुझे अकेले रहना पसंद हैक्योंकि मुझे कभी ऐसा साथी नहीं मिलाजो मेरा इतना साथ […]
  1. Poem
जब भी मैं खोलता हूँपुरानी यादों की किताब,प्रस्तावना में लिखा होता हैउस एक दिन, उसके बाद भीजीवन के एक दौर मेंमैंने आपके दिल और दिमागको गहरी चोट पहुँचाईआपको रोने पर मजबूर कियाऔर लंबे समय तक दुखी रखा… और उसके बाद केकितने ही अध्याय गायब हैं,कितने ही पन्ने फट गए हैं,लेकिन उपसंहार में बसमेरी एक ही […]
  1. Poem
Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
  1. Poem
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]
  1. Poem
Editor’s Pick Resounding echoes of the absenceMuffled whispers of the memoriesLifeless beats of the hollowed heartAre aide-memoire of one’s dire loss Throbbing agony of an aching soulMelancholy of an ever longing heartPining sensation of a nostalgic waitLive eternal legacy of one’s yearning An intense and timeless aching voidAn unbearable, gnawing emptinessA lonesome heart’s imposing strainMirror […]
  1. Poem
This person is utterly outlandishOr so to say simply grotesqueWhether it be gross appearanceOr his conduct and demeanourIt’s unconventional & disturbingSimply summarized as appalling! Too subjective to use “Grotesque”But one cannot bear him too longTo endure queer physical featuresBizarre etiquette and mannerismsSo often exaggerated expressionsUnfolding discomfiture and unease. One wonders about likely reasonFor forming such […]

Good Reads

Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]
Editor’s Pick Resounding echoes of the absenceMuffled whispers of the memoriesLifeless beats of the hollowed heartAre aide-memoire of one’s dire loss Throbbing agony of an aching soulMelancholy of an ever longing heartPining sensation of a nostalgic waitLive eternal legacy of one’s yearning An intense and timeless aching voidAn unbearable, gnawing emptinessA lonesome heart’s imposing strainMirror […]

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Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]

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सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

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