My Humming Word

  1. Poem

जाने क्यों लोग

न जाने क्यों कुछ लोग 
बात-बात पर दोस्त कहकर
फिर दोस्ती की दुहाई देकर
दोस्ती जैसे पवित्र बंधन को
बेशर्मी से शर्मसार करते हैं
जाने क्यों कुछ  लोग..!

इनके जीवन का सत्य तो है
कि खुद के संसारी जीवन में
चाहिए इन्हें बस कुछ चाटुकार
जो उनके आडम्बर पूर्ण जीवन 
उनके ओछे मन एवं अहं का
केवल पोषण मात्र करते रहें।

सच में यही हैं वह स्वार्थी लोग 
जो रिश्तों की तो दुहाई देते हैं 
पर खुद के वास्तविक जीवन में
खुद से अलग किसी अन्य को
कभी एक मुट्ठी भर भी स्पेस
देने से झिझकते हैं रुष्ट होते हैं ।

जाने क्यों कुछ  लोग..!

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