दूसरों को करने से पहले, ख़ुद अपने को नमन करो।
उजड़े हिये को कर आबाद, ईश्वर का भजन करो।।
कंकालों की लीक पूज कर, आत्मा का दमन न करो।
यश नाम की चिंता से बच कर उससे बहिर्गमन करो।।
गुलामी के स्वर्ण मुकुट से अच्छा है प्यार कफन करो।
संघर्ष करने का साहस नहीं, तो खुद को दफ़न करो।।
बाहर घी के दीए जला, ह्रदय के दीए मत शमन करो।
संसार की चिंता छोड़, दिव्य अंतर्मन में अमन करो।।
12,003 total views, 16 views today
No Comments
Leave a comment Cancel