My Humming Word

Month: November 2022

  1. Poem
चलो ‘युधिष्ठिर’ जीत गये तुम अब नवीन कुछ काम करोपराजितों को गले लगाकर उनका भी सम्मान करो ‘प्रसाद’ के साथ मिलकर तुम नए युग की शुरुआत करो ‘आभा’ और ‘अभिषेक’ सुनो अब तुम्हारी ये जिम्मेदारी है बड़े-बुजुर्गों का मान बढ़ाओ क्योंकि सोच तुम्हारी प्यारी है दोनों ‘शर्मा बन्धु’ मिलकरअब बिन शर्माये काम करो बनी रहे ये युगल जोड़ी ऐसा कुछ व्यवहार करो ‘महेंद्र’, तुम बन गए खजांची कॉलोनी […]

Good Reads

Worlwide

Trending

सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

Login

You cannot copy content of this page