My Humming Word

Year: 2021

  1. Article
Nearly two months back, the ongoing Farmers’ Agitation in India was analysed by this author under the title “How Farmer is Farmers’ Current Agitation”, wherein apart from explaining the salient features of the Indian government’s legislation under three farm bills, it was inter alia also unambiguously concluded that the Indian farmers have actually been offered […]

Good Reads

वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजहाँ प्यार का अहसास न होफिर यह चाहे आपकी बात होया जिससे आपको अपेक्षा हो वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैआपसी सुख-दुख की बात होअथवा अंतरंगता का सवाल होजहाँ इनकी अहमियत ही न हो. वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजिसमें स्वार्थ का बोलबाला होव्यक्ति जो बस आत्मकेंद्रित होजहाँ केवल खुद […]
The ongoing India-Canada diplomatic row following the murder of Hardeep Singh Nijjar, an erstwhile plumber, pro-Khalistani Sikh leader in British Columbia, Canada, and a designated terrorist by the Government of India for multiple terror and criminal activities, is a brilliant example how the short-sightedness, improvidence and myopic vision and action of an egoist political dispensation […]

Worlwide

वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजहाँ प्यार का अहसास न होफिर यह चाहे आपकी बात होया जिससे आपको अपेक्षा हो वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैआपसी सुख-दुख की बात होअथवा अंतरंगता का सवाल होजहाँ इनकी अहमियत ही न हो. वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजिसमें स्वार्थ का बोलबाला होव्यक्ति जो बस आत्मकेंद्रित होजहाँ केवल खुद […]

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सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

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