चाँद तनहा है
चाँद उदास है
पर क्या पता
शायद यह बस
मेरा भ्रम मात्र हो
चाँद का क्या कहना
वह तो बस हर रोज
महीने के तीस दिन
नये रंग बदलता है
फिर भी…
इतनी इच्छा बाकी है
उसकी चांदनी सर्वत्र हो
चमक कभी कम न हो
चाँद बस भरा पूरा रहे
चाँद बस खिला खिला रहे
वह कभी उदास न हो
वह कभी तनहा न हो
Image (c) Pinterest
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