My Humming Word

Story

  1. Article
शालिनी और रिचा हमेशा की तरह मुझे छोड़ने स्टेशन तक आये थे। जब भी मैं किसी लम्बे सरकारी दौरे पर बाहर जाता हूं वर्षों से यह दोनों बिना किसी अपवाद के मुझे ‘सी आफ’ करने आते रहे हैं। करीब आठ साल पहले डेपुटेशन पर दिल्ली आना हुआ था तब से यहीं का होकर रह गया। […]
  1. Article
दूल्हा बने दीपक की कार उधर आंखों से ओझल हुई और इधर घर की औरतों ने अंदरआगन में अपने रंगारंग कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दीं। अब तो कल दुल्हन के आने तकयहां नाच-गाने और स्वांग का यही सिलसिला चलता रहेगा। बरामदे में खड़ी सुमन ने पासखड़ी ललिता की ओर आंखों ही आंखो में इशारा […]
  1. Article
             पिछले वसन्त में जब मेरी पड़ोसन श्रीमती वर्मा ने मुझे बताया कि मेरी गुड़िया सी बेटी मिनी अब हाथ पीले करने लायक हो गई है तो मेरे चेहरे का रंग ही उड़ गया।  हे भगवान! धिक्कार है मुझ जैसी मां को जिसे अपने बेटी के सयानी होने की खबर अपने पड़ोसियों से लगे।  अरे […]
  1. Article
दोपहर का खाना खत्म कर के रोज की तरह विनोद बाहर बरामदे में निकल आये। रातभर रूक-रूक कर बरसने के बाद सुबह थोड़ा बादल छटे थे। लेकिन दोपहर में फिर अंधेरासा घिर आया था। बस बारिश बन्द थी। बाहर लान में आकर उन्होंने गार्डन-अम्ब्रेला के अन्दररखी हुई एक कुर्सी खींच कर बाहर निकाल ली। रोज […]

Good Reads

Worlwide

Trending

Login

You cannot copy content of this page