My Humming Word

Poem

  1. Poem
Duo, the Invisible and nature indeedOn the evolutionary ladder in cosmosSet human beings to stand on pinnacleWith erect posture and advanced brain. In turn, the human beings destroy lifePollute damaging earth, oceans & skiesLeading to serious climatic imbalancesYet have audacity to call themselves asSuperior beings! Note: “Invisible” refers to Supreme divine force behind all creation, […]
  1. Poem
श्वेत धवल ललित-ललामपुष्पगुच्छ रजनीगंधा के उनकी भीनी-भीनी विशिष्ट सुगंध बरबस किसी की याद दिला जाते हैं और तब यह मन फिर एक बारबिह्वल और बेचैन हो उठता है… वैसे तो एक जमाना हुआवह कोमल रजनीगंधा स्पर्श वह स्निग्ध रजनीगंधा अहसास अनगिनत रजनीगंधा यादें और सपनेयादों के जुगनू बन मानस पटल परझिलमिल करते छाने लगते हैं। वह मेरे साथ नहीं […]
  1. Poem
चारों और दिखे मोटा मोटा, घणा मचियोड़ा खखींद ढागा।हाथ हाथ रा गुला काढ़, राजनीति रा फेफूंड फैंकण लागा।। कोई रे भोडका माते लाल साफा, कोई रळकाया पाग लाखा।पैंट पजामा आतरिया फैंक, नीचे धौळी धोती पर जब्बा बागा।। सुबह पहली कांव कांव कर, हंसा की चाल चलण लागा कागा।फूटा किस्मत अणूता समाज रा, ढागियों रा तो […]
  1. Poem
उठो मित्र अब मोबाइल उठा लो,फिर थोड़ा तुम आनन्दित हो लो। बीत गई रात, अब यह नई सुबह है,पर हमको इस सबसे क्या लेना-देना। झट फेसबुक और व्हाट्सऐप खोलो,व जीवन का यह चरम सुख ले लो। ढेरों तो अग्रसारित संदेश हैं लम्बित,रोचक मीम्स और चलचित्र जमा हैं। भूल जाओ कि चिड़ियाँ चहकीं, अथवाफिर कमल खिले, […]
  1. Poem
अराजकता मात्र एक राजनैतिक दर्शन ही नहींबल्कि एक बिगड़ी सामाजिक संस्कृति भी हैजिससे उन्मादित-ग्रसित एक अराजक इंसान हठधर्मी के साथ हावी होने में रहता है संलग्न। यह आदमी अपने विद्रोही व्यक्तित्व के कारणकरता फिरता है हरकतें बचकानी और विलक्षण व्यक्तिपरक, बगावती, छिद्रान्वेषी व अहंकारी तेवरफिर परस्पर अतिछादी तर्क व जुनून जैसे अवगुण। यह आदमी अकसर रहता है आत्ममुग्ध, […]
  1. Poem
एक अति प्रतिक्रियावादी रहता हैप्राय: भ्रमित, क्षुभित और क्रोधित अपने परिवेश में अपने प्रतिवेश में…उसकी नकारात्मकता, और फिर फलस्वरूप अत्यधिक आक्रामकताबदल देती है उसे एक विवेकशून्यस्वार्थी, घमंडी और परपीड़क इंसान रूपी ढोर में। फिर समय के साथ यह इंसानखो देता है खुद की पहचान –गरिमा, साख, विश्वसनीयताऔर स्वीकार्यता, या फिर यूँ कहें –प्रेम एवं सानिध्य अपने समाज मेंरह […]

Good Reads

सपने आते हैं मुझे भयावह से डरावने देखता हूँ दृश्य-कल्पित खुली-खुली आँखों से सूखे-सूखे रूखे-रूखे विशाल जंगल मुरझाए वृक्षों पर अधचिपकी सी खुरदुरी छाल ठूंठ-मूक खड़े अकेले झुंड में बिन बहार स्थिर स्पंदनहीन विवश सहने नियति के प्रहार.  देखे हैं मैंने जहाँ होते थे कभी जीवन से भरे रंग-बिरंगे हरे-हरे झूमते-नाचते लहलहाते-खिलखिलाते गीत गाते खुशबू बिखराते झुंड वृक्षों के गूँथे हुए सामीप्य के चुंबन में बतियाते-टकराते आपस […]
दरिया बीच एक दिन, सहसा उठा चक्रवात।जो थे मझधार मौजों पे, उन्हें न लगा आघात।।जो खड़े साहिल पे थे, डूबे मस्ती में दिन रात।पल में प्रलय होने लगा, डूबने लगे हाथो हाथ।। जो चल रहे थे वो बच गए, कुशल रास्ता खोकर।जो खड़े थे वो फना हो गए, खड़े ही खाकर ठोकर ।।जो मझधार में […]

Worlwide

सपने आते हैं मुझे भयावह से डरावने देखता हूँ दृश्य-कल्पित खुली-खुली आँखों से सूखे-सूखे रूखे-रूखे विशाल जंगल मुरझाए वृक्षों पर अधचिपकी सी खुरदुरी छाल ठूंठ-मूक खड़े अकेले झुंड में बिन बहार स्थिर स्पंदनहीन विवश सहने नियति के प्रहार.  देखे हैं मैंने जहाँ होते थे कभी जीवन से भरे रंग-बिरंगे हरे-हरे झूमते-नाचते लहलहाते-खिलखिलाते गीत गाते खुशबू बिखराते झुंड वृक्षों के गूँथे हुए सामीप्य के चुंबन में बतियाते-टकराते आपस […]

Trending

Pilgrimage-I Nearly all communities and religions in the world attach significance to places which have some connection with any worldly or supernatural act(s) or event(s) of the divine (God) or His messenger(s); the birth, enlightenment or death of founder and saints; sites of the spiritual calling or awakening; supposedly a dwelling or living place of […]

Login

You cannot copy content of this page