My Humming Word

Month: November 2024

  1. Poem
Editor’s Choice As if descended from skiesOn vista, she appearedwith musings so profound,and stooped to conquerwith her angelic aura,beguiling beauty,and captivating smile… Upright and sinless,he stumbled onto Enchantress’ fairy charm, and tempting miensfalling like an easy sinecureonly to remain a prisonerof her thoughts for life. Image (c): Getty Images  11 total views,  11 views today
  1. Poem
Throughout the vast span of human livesMost of them thrive on physical comfortsWhile cribbing for the unfulfilled desiresDriven by the lust, greed and selfishnessAs discontented self, keep troubling othersIn many cases to the core of recklessness. The ubiquitous reality of the universe isPhysical world is merely a grand illusionAll living bodies comprising of perishableFive gross […]
  1. Poem
यह बात सब जानते है, कि तन है कच्चा गागर।इसमें निवास करता है, ‘वो’ ख़ुशी का महासागर।। सीमित में असीमित, करती दीपावली है उजागर।मैने कुछ भी नहीं कहा, इस शाश्वत में मिलाकर।। मैं खुशी का सागर हूं, आप हैं खुशी के महासागर।इस सागर में महासागर, मिल जाओ तुंरत आकर।। हस्ती में है हसीन हस्ती, हम […]
  1. Poem
Today, while snapping a flock of pigeonsRevived my childhood memory of a fableThat I read in Hindu classic Panchtantra…How a wise assembly of pigeons escapedFrom the machiavellian fowler’s dragnet! Ubiquitous through much of the planetFrom tropical forests to urban tower blocksPigeons are among the successful speciesWith fascinating and complex behavioursTo live as communal and gregarious […]
  1. Poem
वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजहाँ प्यार का अहसास न होफिर यह चाहे आपकी बात होया जिससे आपको अपेक्षा हो वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैआपसी सुख-दुख की बात होअथवा अंतरंगता का सवाल होजहाँ इनकी अहमियत ही न हो. वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजिसमें स्वार्थ का बोलबाला होव्यक्ति जो बस आत्मकेंद्रित होजहाँ केवल खुद […]
  1. Article
The ongoing India-Canada diplomatic row following the murder of Hardeep Singh Nijjar, an erstwhile plumber, pro-Khalistani Sikh leader in British Columbia, Canada, and a designated terrorist by the Government of India for multiple terror and criminal activities, is a brilliant example how the short-sightedness, improvidence and myopic vision and action of an egoist political dispensation […]

Good Reads

वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजहाँ प्यार का अहसास न होफिर यह चाहे आपकी बात होया जिससे आपको अपेक्षा हो वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैआपसी सुख-दुख की बात होअथवा अंतरंगता का सवाल होजहाँ इनकी अहमियत ही न हो. वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजिसमें स्वार्थ का बोलबाला होव्यक्ति जो बस आत्मकेंद्रित होजहाँ केवल खुद […]
The ongoing India-Canada diplomatic row following the murder of Hardeep Singh Nijjar, an erstwhile plumber, pro-Khalistani Sikh leader in British Columbia, Canada, and a designated terrorist by the Government of India for multiple terror and criminal activities, is a brilliant example how the short-sightedness, improvidence and myopic vision and action of an egoist political dispensation […]

Worlwide

वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजहाँ प्यार का अहसास न होफिर यह चाहे आपकी बात होया जिससे आपको अपेक्षा हो वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैआपसी सुख-दुख की बात होअथवा अंतरंगता का सवाल होजहाँ इनकी अहमियत ही न हो. वह रिश्ता त्याग देना बेहतर हैजिसमें स्वार्थ का बोलबाला होव्यक्ति जो बस आत्मकेंद्रित होजहाँ केवल खुद […]

Trending

सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

Login

You cannot copy content of this page