My Humming Word

Month: September 2023

  1. Poem
यह है मेरे दुःख की बड़ी गाथा, सुनोगे तो रो लोगे पकड़ माथा।किस्मत में जो लिख दिया विधाता, टाल न सके कोई पिता माता।। रहने दो ढके मेरे जिगर के दाग, मत छेड़ो मैं हूं भाषा हिंदी।कभी थी मैं भी सुहागिन हिंद में, शोभायमान थी भाल पर बिंदी।। जब से फिरंगी भाषा हिंद आई, मेरी […]
  1. Poem
Editor’s Choice शिशिर ॠतु की आबोहवा, एक और ठंडी भिनसारगुनगुनी एवं आभामयी रविप्रभा का चहुंओर विस्तारसरसब्ज लाॅन में पसंदीदा आरामकुर्सी में सिमटकरउसके दिवास्वप्नों में खोया हुआ, खुद से बेखबर मैंविगत वर्षों के गुजरे पल, व तमाम खट्टी-मीठी यादें कभी हर्षोल्लास, तो कभी व्यग्रता व विषाद के पल स्वप्निल जीवनी, मानो उसी से शुरू उसी पर खतम। आँखे […]
  1. Poem
हाँ, अब सचमुच ही इच्छा रहितमायावी लालसाओं और तृष्णा शून्यभौतिक जीवन के बच रहे शेष दिनमैं न तो कभी गिनता हूँ न ही सोचता हूँ। इस लम्बी, जटिल जीवन यात्रा में बहुत जल्दी हुआ था यह अहसास कितनी भी चतुराई और सावधानी बरतूंकितना भी यथार्थवादी और परिशुद्घ हो लूंप्रारब्ध या नियति की खुद की अपनी रचनाहमसे रही […]
  1. Article
Although an outright insult and use of the hateful and derogatory language against the world’s oldest and only surviving culture and religion the Sanatana Dharma (more common term Hinduism now) is not a new phenomenon or development in India or elsewhere abroad but the largely Tamil speaking southern state Tamil Nadu’s Chief Minister MK Stalin’s […]
  1. Poem
देने के पहले हर विषय पर, बढ़ चढ़ कर सुझाव,अपने भीतर जा ह्रदय में, बुराईयों की आग बुझाय! अफीम, बालविवाह, मृत्युभोज, जिया में हर पल लहराय,ऐसे शून्य घट में भला कौनसी, चेतना जगेगी मुझे समझाय। बिन त्यागे रोग अफीम, डोडा,  मृत्युभोज और बालविवाह,तेरा हावभाव और भाषण करता, उजागर सिर्फ  ख्याली पुलाव। कितने लोगों की भूख […]
  1. Poem
Editor’s Choice ‘Enjoy’ is the familiar buzzwordFashionable and popular these days When I solemnly look aroundA host of my friends and relativesAs also many folks known – unknownEveryone seems running to enjoy lifeAnd merry-making their own ways…In restaurant, theatre, sports, picnic spots,Or copious visits to inland and exotic localeAnd narrating story for others to “enjoy”. […]
  1. Article
India created a history in the space research and technology on the Wednesday, 23rd August 2023 (IST 18:03 Hrs), when the Indian Space Research Organization (ISRO)’s Chandrayaan-3 made a perfect soft-landing on moon’s surface with an absolute precision. This august and rare success is also remarkable from the point of view that the landing was […]

Good Reads

Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]
Editor’s Pick Resounding echoes of the absenceMuffled whispers of the memoriesLifeless beats of the hollowed heartAre aide-memoire of one’s dire loss Throbbing agony of an aching soulMelancholy of an ever longing heartPining sensation of a nostalgic waitLive eternal legacy of one’s yearning An intense and timeless aching voidAn unbearable, gnawing emptinessA lonesome heart’s imposing strainMirror […]

Worlwide

Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]

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प्रतिवर्ष दशानन दहन किया, मन के रावण का नाश नहीं,अगनित सीता अपहृत होती, निज मर्यादा का भास नहीं।हम एक जलाते दशकंधर, शत दशकंधर पैदा होते,करते जो दहन मन का रावण, हर गली में रावण न होते। इस शक्ति पर्व का हेतु है क्या, है ब्यर्थ दिखावे की शक्ती,निर्बल को संबल दे न सके, अन्याय से […]

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