My Humming Word

Year: 2022

  1. Poem
Alas!This attribute is uniqueAnd special to human speciesIn vast expanse of cosmic horizon… On one handThey have invented religionAnd discovered the attributesOf God, for worship and devotion… Yet on other handThey exploit and ruin natureTotally unaware of the candourThat’s the marvel of God’s creation. An inexcusable height of Ignorance!  14,619 total views,  14 views today
  1. Article
The last reported serious clash between the Indian and Chinese troops was in Galwan River Valley in the Eastern Ladakh on 15-16 June 2020 leading to the death of several PLA (Peoples Liberation Army) and Indian soldiers. Any news of the Chinese military misadventure with India or other neighbours is neither new nor surprising owing […]
  1. Article
Pilgrimage-II In the previous part, the objectives and importance of pilgrimage in Hinduism was explained briefly enumerating popular Pilgrimage Events/Sites in India. These included Kumbha melas, Char Dham yatras, Kanwar pilgrimage, holy cities, major temple cities, Shakti Pithas, Jyotirlingams, and so on. Many of these sites are remembered for the incarnation of divinities, motivational events, […]
  1. Poem
चलो ‘युधिष्ठिर’ जीत गये तुम अब नवीन कुछ काम करोपराजितों को गले लगाकर उनका भी सम्मान करो ‘प्रसाद’ के साथ मिलकर तुम नए युग की शुरुआत करो ‘आभा’ और ‘अभिषेक’ सुनो अब तुम्हारी ये जिम्मेदारी है बड़े-बुजुर्गों का मान बढ़ाओ क्योंकि सोच तुम्हारी प्यारी है दोनों ‘शर्मा बन्धु’ मिलकरअब बिन शर्माये काम करो बनी रहे ये युगल जोड़ी ऐसा कुछ व्यवहार करो ‘महेंद्र’, तुम बन गए खजांची कॉलोनी […]

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Pilgrimage-I Nearly all communities and religions in the world attach significance to places which have some connection with any worldly or supernatural act(s) or event(s) of the divine (God) or His messenger(s); the birth, enlightenment or death of founder and saints; sites of the spiritual calling or awakening; supposedly a dwelling or living place of […]
सूख चुके हैं प्रेमपात्र सब, मदिरा की गागर दे दो भूल चुका हूँ कौन कौन है, विस्मृति का आश्रय दे दो. ईश्वर सबकुछ भूल गया है, कृष्ण नही अब रथ पर हैंसत्य-प्रेम की राहों पर हम, फिर भी काँटे पथ पर हैं. जीवन बंधा-बंधा सा क्यों है, हाहाकार मचा यह क्यों है मानव संबंधों के तलतम  में, यह भूकंपी […]
लाख समझाने पर भी नहीं समझता आईना मेरा अंदर की टूटती नसें भी उकेर दीं बनाकर उसने दरकती लकीरें वो जो बैठे हैं गहरे दिल में मेरे आईना मेरा उन्हें भी हूबहू दिखाता है. कैसे छिपाऊँ दर्दे-दिल को सामने जब बैरी-मितवा हो ऐसा चुप हूँ मैं, चुप हैं वो, मंजर है खामोशी का यह कैसा. दिल की जिद है रग-रग में […]
समय चुप है अपनी निष्ठुरता लिए बदल रहा है निरंतर. तुम समय हो मेरे समय जिसने प्यार दिया अनंत डुबोकर किया एकाकार खुशियों से अमृत सुख की स्मृतियों से साँस साँस में चलती अनवरत सामीप्य की अव्यक्त अनुभूतियों से.     समय मेरा दूर असंबद्ध सा अबदर्शक सा बन बदल रहा है     सहारे तन के मन के     तुझसे जो बंधे थे अडिग अटूट  […]

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