My Humming Word

Dilemma

  1. Poem
भोर होने से प्रथम ही टूटते हैं स्वप्न सारे।खो रहे हैं नील नभ में शब्द जैसे रात्रि तारे।पोंछ कर दृग बिंदुओं को सच को सीने में छुपाये-पतित को पावन बनाने में पराजित अश्रु खारे। अनछुई इस देह ने स्पर्श के जो जख्म खाये।तन बदन की वेदना को उर पिटारी में संजोये।देखती कातर नयन से जो […]
  1. Poem
Why some peopledespite being in and aroundas friends or relativesare not able to impressor leave a markduring the life spanand till last! Why someoneeven until twilight of liferemains so attachedand nostalgicabout some event or personof the adolescentor teenage past! Why someoneduring the journey of lifemeets for a whileshares a few momentsdestined to separateyet missed alwaysand […]

Good Reads

Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]
Editor’s Pick Resounding echoes of the absenceMuffled whispers of the memoriesLifeless beats of the hollowed heartAre aide-memoire of one’s dire loss Throbbing agony of an aching soulMelancholy of an ever longing heartPining sensation of a nostalgic waitLive eternal legacy of one’s yearning An intense and timeless aching voidAn unbearable, gnawing emptinessA lonesome heart’s imposing strainMirror […]

Worlwide

Editor’s Pick सूर्यास्त का समय एक सुनसान समुद्र तट –वह आश्चर्य से देख रहा थास्थानीय निवासी झुककर कुछ उठाताऔर फिर दूर पानी में फेंक देता थावह इसी काम की पुनरावृत्ति में लगा था। उसने जिज्ञासावश पूछा – आप क्या कर रहे हैं?स्थानीय निवासी ने जवाब दिया – भाटा हैतारामछलियाँ तट पर आ गई हैंमैं उन्हें वापस […]
मैं अक्सर सोचता रहता हूँक्या तुम भी कभी याद करते होहम कभी-कहीं मिले थे एक बारकुछ साझे पल और स्थान साक्षी हैं। तुम खुद तो आगे बढ़ गए थेपर कुछ स्मृतिचिह्न पीछे छोड़ गएवे अधूरे सपने और अधूरी इच्छाएँमैंने जीवन भर एक अंधे की तरह उनका पीछा किया। जीवन के इस बहीखाते मेंमेरे हिस्से में […]

Trending

Login

You cannot copy content of this page