My Humming Word

Month: August 2024

  1. Poem
दरिया बीच एक दिन, सहसा उठा चक्रवात।जो थे मझधार मौजों पे, उन्हें न लगा आघात।।जो खड़े साहिल पे थे, डूबे मस्ती में दिन रात।पल में प्रलय होने लगा, डूबने लगे हाथो हाथ।। जो चल रहे थे वो बच गए, कुशल रास्ता खोकर।जो खड़े थे वो फना हो गए, खड़े ही खाकर ठोकर ।।जो मझधार में […]
  1. Article
Over a month-long turmoil in Bangladesh allegedly led by the students on the issue of reservation in jobs for certain categories reached to an anticlimax when Prime Minister Sheikh Hasina was made to resign and leave country on a short notice. While television visuals showed large crowds on the roads in Bangladesh capital Dhaka and […]
  1. Poem
Duo, the Invisible and nature indeedOn the evolutionary ladder in cosmosSet human beings to stand on pinnacleWith erect posture and advanced brain. In turn, the human beings destroy lifePollute damaging earth, oceans & skiesLeading to serious climatic imbalancesYet they have audacity to call themselves as Superior beings! Note: “Invisible” refers to Supreme divine force behind […]
  1. Poem
श्वेत धवल ललित-ललामपुष्पगुच्छ रजनीगंधा के उनकी भीनी-भीनी विशिष्ट सुगंध बरबस किसी की याद दिला जाते हैं और तब यह मन फिर एक बारबिह्वल और बेचैन हो उठता है… वैसे तो एक जमाना हुआवह कोमल रजनीगंधा स्पर्श वह स्निग्ध रजनीगंधा अहसास अनगिनत रजनीगंधा यादें और सपनेयादों के जुगनू बन मानस पटल परझिलमिल करते छाने लगते हैं। वह मेरे साथ नहीं […]

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प्रतिवर्ष दशानन दहन किया, मन के रावण का नाश नहीं,अगनित सीता अपहृत होती, निज मर्यादा का भास नहीं।हम एक जलाते दशकंधर, शत दशकंधर पैदा होते,करते जो दहन मन का रावण, हर गली में रावण न होते। इस शक्ति पर्व का हेतु है क्या, है ब्यर्थ दिखावे की शक्ती,निर्बल को संबल दे न सके, अन्याय से […]

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