My Humming Word

  1. Poem

होली मुबारक

हार्दिक होली मुबारक, हो आप सबको।
मैं सबके आनंद की, अर्ज करूं रब को।।

अमृत पान नसीब हो, हर जुबां लब को।
सजाए चांद सितारे, आपकी हर शब को।।

देख सकें हर सबब में, भी बेसबब को।
श्रृष्टि हित में छोड़ें, अपने मतलब को।।

आपकी हर ख्वाइश को, मैं रखूंगा रब को।
बता सकते हो, जब फुरसत हो आपको।।

माफ़ करें प्रार्थना में, गर अदब जरा कम हो।
हरि ही गज़ब है, सलाम करें  उस गज़ब को।।

मुझे तलब आपकी है, क्या करूं सब को।
या रब कामिल कर, मेरी इस तलब को।।

प्रभु, जुबां दे बेजुब़ां को, लब दे बे-लब को।
मिटे तलब और मतलब, ज़ीस्त जन्नत तब हो।।

कामना है कामिल आपको, कब वो अवस्था हो।
जहां शाश्वत आनंद मयस्सर हो, अब की अब हो!

हार्दिक होली मुबारक, हो आप सबको।
मैं सबके आनंद की, अर्ज करूं रब को।।

शब = night, रात; सबब = कारण, reason; बेसबब = अकारण, for no reason; तलब = चाह, desire; कामिल = accomplished, पूरा; मयस्सर = endowed, उपलब्ध.

 9,572 total views,  1 views today

Comments to: होली मुबारक

Login

You cannot copy content of this page